इन आंखों में उन्हें फिर से सजने देते हैं, इन आंखों में उन्हें फिर से सजने देते हैं,
कुछ ख़्वाब अधूरे अच्छे, कुछ प्यार अधूरे अच्छे हैं कुछ ख़्वाब अधूरे अच्छे, कुछ प्यार अधूरे अच्छे हैं
लगा की जाने से पहले कुछ सपने सपने रह गए लगा की जाने से पहले कुछ सपने सपने रह गए
मेरी बातों की चाय, यादों की नमकीन, और स्वागत में मेरी मुस्कान, आओगे ना। मेरी बातों की चाय, यादों की नमकीन, और स्वागत में मेरी मुस्कान, आओगे ना।
मन में आज भी वह परिस्थिति कचोटती है अधूरे दर्शन की ,जब हमे अपनी मजबूरियों पर झुकना पड़ा मन में आज भी वह परिस्थिति कचोटती है अधूरे दर्शन की ,जब हमे अपनी मजबूरियों पर झुक...
ये वीकेंड भी यूं ही गुजर गया.. ये वीकेंड भी यूं ही गुजर गया..